आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं

आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं | Aansu Shayari

आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं ( Aansuon mein gham ko badhata hai kyon )    आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं। जो ख़ज़ाना है उसको लुटाता है क्यूं।।   कौन समझा किसी दिल पे गुजरी हुई । ज़ख्म दिलके सभीको दिखाताहै क्यूं।।   फल मिलेगा सभी को किए का यहां। पाप करते…