किताबों से सदा वो आ रही थी
किताबों से सदा वो आ रही थी किताबों से सदा वो आ रही थी ग़ज़ल यादों की कोई रो पड़ी थी दयारें आ रही थी नफ़रतों की मुहब्बत की कली मुरझा रही थी खबर दिल को नहीं थी बेवफ़ा है वफ़ा की सोचकर राहें चुनी थी वो आंखें देखती है…
किताबों से सदा वो आ रही थी किताबों से सदा वो आ रही थी ग़ज़ल यादों की कोई रो पड़ी थी दयारें आ रही थी नफ़रतों की मुहब्बत की कली मुरझा रही थी खबर दिल को नहीं थी बेवफ़ा है वफ़ा की सोचकर राहें चुनी थी वो आंखें देखती है…