गजल लिख रहा है
गजल लिख रहा है जिसकी माचिस से घर जल रहा है, वो उसी पर गज़ल लिख रहा है।। आपके आने का ये असर है, झोपड़ी को महल कह रहा है।। अच्छी लगती नही बेरुखी अब, मैं नहीं मेरा दिल कह रहा है।। शेष क्या हो गया है उसे अब, लब को…
गजल लिख रहा है जिसकी माचिस से घर जल रहा है, वो उसी पर गज़ल लिख रहा है।। आपके आने का ये असर है, झोपड़ी को महल कह रहा है।। अच्छी लगती नही बेरुखी अब, मैं नहीं मेरा दिल कह रहा है।। शेष क्या हो गया है उसे अब, लब को…