ये चक्कर नया-नया है | Amit Ahad Ki Shayari
ये चक्कर नया-नया है ( Ye chakkar naya-naya hai ) दुनिया की सैर का ये चक्कर नया-नया है जिस ओर देखता हूँ मंज़र नया-नया है बिल्कुल अलग जहां से हालत है मेरे दिल की अन्दर से ये पुराना बाहर नया- नया है बेचैन इसलिए हूँ मख़मल की सेज पर मैं मेरे लिये…