तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो
तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो। जिगर पे नश्तर चला रहे हो।। जो जैसा है वैसा ही रहेगा। क्यों अपने दिल को जला रहे हो।। बहुत है अहसान ये तुम्हारा । नज़र से जो मय पिला रहे हो।। हरेक पल तुम यूँ …
तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो। जिगर पे नश्तर चला रहे हो।। जो जैसा है वैसा ही रहेगा। क्यों अपने दिल को जला रहे हो।। बहुत है अहसान ये तुम्हारा । नज़र से जो मय पिला रहे हो।। हरेक पल तुम यूँ …