ग़म से कभी मैं यूं ही, परेशान नहीं होता 

ग़म से कभी मैं यूं ही, परेशान नहीं होता | Gam shayari

ग़म से कभी मैं यूं ही, परेशान नहीं होता  ( Gam se kabhi main yun hi, pareshan nahi hota )     दिल जो कि ख़ुशी से मेरा, वीरान नहीं होता, ग़म से कभी मैं यूं ही, परेशान नहीं होता   इबादत अगर जो करते, तुम सब ही ए लोगों, नाराज़ फिर सभी से वो,…