फूल उल्फ़त का दिया है आज फ़िर

फूल उल्फ़त का दिया है आज फ़िर

फूल उल्फ़त का दिया है आज फ़िर     फूल उल्फ़त का दिया है आज फ़िर! कोई अपना कर गया है आज फ़िर   छेड़कर नग्मात दिल के प्यार में कोई दिल रुला गया है आज फ़िर   छोड़ जो मुझको गया था भीड़ में वो मुझे अब ढूंढ़ता है आज फ़िर   याद आयी…