बातिलों से जो प्यार रखते हैं
बातिलों से जो प्यार रखते हैं बातिलों से जो प्यार रखते हैं। ख़ुद को वो सोगवार रखते हैं। इ़शक़ बाज़ी में वो नहीं लुटते। दिल पे जो इख़्तियार रखते हैं। टाल जाते हैं मुस्कुरा कर वो। बात हम बार – बार रखते हैं। सब पे ख़ुशियां लुटाते हैं लेकिन। हम को वो अश्कबार रखते हैं।…