बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी

बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी

बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी     बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी! ख़त्म बू प्यार की अब गुलू हो गयी   इसलिए टूटा रिश्ता उसी से कल है तल्ख़ उससे बहुत गुफ़्तगू हो गयी   खो गये भीड़ में बेबसी की रस्ते ख़त्म अब मंजिल की जुस्तजू हो गयी   प्यार की दोस्ती…