धीरज | मनहरण घनाक्षरी छंद
धीरज ( Dheeraj ) नर धीरज धारिये, संयम धरे विचार। धीरे-धीरे बढ़ चलो, ध्वज लहराइये। धैर्यपूर्वक जो चले, शील गुणी जन जान। धीरे-धीरे मुखर हो, पहचान पाइए। धीर अमोध अस्त्र है, मृदु वाणी सुरज्ञान। सुर लय तान बन, गीत मीत गाइए। रणबीर बलवीर, समर न धरो धीर। राष्ट्रहित रणभूमि, वीरता दिखाइए।…

