वो आंखें जो आज़म इधर होती!
वो आंखें जो आज़म इधर होती! वो आंखें जो आज़म इधर होती! प्यार की फ़िर उससे नज़र होती दिल को मेरे क़रार आ जाता हाँ अगर जो उसकी ख़बर होती अंजुमन से चला गया उठकर प्यार की कुछ बातें मगर होती यूं न होते अंधेरे ग़म के फ़िर जीस्त में…
वो आंखें जो आज़म इधर होती! वो आंखें जो आज़म इधर होती! प्यार की फ़िर उससे नज़र होती दिल को मेरे क़रार आ जाता हाँ अगर जो उसकी ख़बर होती अंजुमन से चला गया उठकर प्यार की कुछ बातें मगर होती यूं न होते अंधेरे ग़म के फ़िर जीस्त में…