जीस्त में कब मेरी ख़ुशी आयी
जीस्त में कब मेरी ख़ुशी आयी जीस्त में कब मेरी ख़ुशी आयी! दर्द ग़म की आंधी चली आयी दौर आया ऐसा जीवन में ही रोज़ ही आंखों में नमी आयी नफ़रतों का ही दौर आया है जीस्त में प्यार की कमी आयी लें गयी है बहा के सब खुशियां जीस्त…
जीस्त में कब मेरी ख़ुशी आयी जीस्त में कब मेरी ख़ुशी आयी! दर्द ग़म की आंधी चली आयी दौर आया ऐसा जीवन में ही रोज़ ही आंखों में नमी आयी नफ़रतों का ही दौर आया है जीस्त में प्यार की कमी आयी लें गयी है बहा के सब खुशियां जीस्त…
जज्बातों की आंधी ***** जब चलती है वेदी पर उसके बहुत कुछ जल जाती है। वेग उसकी होती अथाह, पल में सब-कुछ कर देती तबाह। रौंद डालती सब-कुछ, विशाल और क्षुद्र। दिखता न उसको- सही और ग़लत, मिले जो कुछ पथ में- उठाकर देती है पटक! शांत वेग जब होता, सामने कुछ न होता। बिखरे…
ए ख़ुदा तूने दी कैसी जिंदगी है ए ख़ुदा तूने दी कैसी जिंदगी है! हर घड़ी गम की रवानी ही मिली है इस जहां में मेरा कोई भी नहीं तो रोज़ राहें अपनी तो तन्हा भरी है कोई तो मेरा बना दें आशना तू शहर में हर सूरत ए रब अजनबी…
दिल जब ग़म से पूर हुआ है दिल जब ग़म से पूर हुआ है। हिम्मत से भरपूर हुआ है।। आग से ग़म की जो भी गुजरा। कुंदन जैसा नूर हुआ है।। ग़म को जो वरदान समझता। यश फैला मशहूर हुआ है।। फैला जीवन में उजियारा। तम सारा फिर दूर हुआ है।।…
हमेशा ही मुहब्बत से वो सारे काम लेते है हमेशा ही मुहब्बत से वो सारे काम लेते है। मिटाने को सभी झगड़े वो सर इल्ज़ाम लेते है।। रहे न्यारे ज़माने से खुदा ही आसरा अपना। सहारे छौङ के सारे उसी का नाम लेते है।। सदा मस्ती चढी रहती उसी की याद…
नफ़रतों की हम दीवारें तोड़ते है नफ़रतों की हम दीवारें तोड़ते है! प्यार से दिल को दिल से हम जोड़ते है़ वो नज़ाजत सी दिखाता है़ बहुत ही रोज़ जिसको आंख भरके देखते है़ ख़्वाबों में डूबे उसके हम रात भर अब मीठी से बातें जो हमसे बोलते है़ जिंदगी में…
खिलता हुआ गुलाब या कोई शराब हो खिलता हुआ गुलाब या कोई शराब हो। कितना हसीन तुमको कहूं बेहिसाब हो।। मचले है जिसको देख के मस्ती भरा ये दिल। चढती हुई उमर का वो चढता शबाब हो।। देखे हसीन चहरे बहुत से खुदा कसम। तेरा नहीं जवाब कोई लाजवाब हो।। ख्वाबों…
उनको हम लगते बेग़ाने उनको हम लगते बेग़ाने। ग़ैर लगे अब उनको भाने।। तोङ दिये पलभर में उसने। नाते- रिश्ते आज पुराने।। हरदम मेरे दिल से खेला। करके झूठे रोज बहाने।। भूल हुई क्या ऐसी हमसे। जो वो लगे हमसे कतराने।। ढल जाएगी सूरत प्यारी। जिसको देख लगे इतराने।।…