मंजिल का एहसास | Prernadayak poem
मंजिल का एहसास ( Manzil ka ahsas ) यूं ही तो नही ये मेरे मेरे सपनों की उड़ान है, कुछ तो है मन के अंदर तो जुड़ा हुआ है इससे। कुछ तो है जो कर रहा है प्रेरित इस कदर से कि अब ये चुनोतियाँ बाधा नही बन सकती हैं।। क्या है…
मंजिल का एहसास ( Manzil ka ahsas ) यूं ही तो नही ये मेरे मेरे सपनों की उड़ान है, कुछ तो है मन के अंदर तो जुड़ा हुआ है इससे। कुछ तो है जो कर रहा है प्रेरित इस कदर से कि अब ये चुनोतियाँ बाधा नही बन सकती हैं।। क्या है…
मुहूर्त ( Muhurat ) क्यों भागे मनवा व्यर्थ मुहूर्त के पीछे || 1.न जन्म मुहूर्त से हुआ, न मृत्यू होगी किसी मुहूर्त मे | फिर क्यो सारी जिन्दगी घूमें, शुभ मुहूर्त के चक्कर मे | क्या शुभ है क्या अशुभ, सब आधीन है प्रकृति सूत्र मे | फिर क्यों सारी जिन्दगी ढूंडे, खट्टापन मीठी…
“नशा” ( Nasha ) –>हर काम का अपना “नशा”है | 1.हर पल नशे में है दुनियां, कोई तो मिले जो होश मे हो | नशे में डूबे हैं सून्य दिल, कोई तो मिले जो जोश में हो | कोई दौलत के नशे में चूर, डूबा फिरता है राहों मे | कोई इश्क के नशे मे…
“कनक” ( Kanak ) ✨ –>कनक कनक पर कौन सा….. ✨ 1.एक कनक मे मादकता, एक मे होए अमीरी | एक कनक मे मद चढे, एक मे जाए गरीबी | नाम कनक के एक हैं, अर्थ द्वि-भाषी होता | एक कनक धतूरा होता, दूजा सोना होता | ✨ –>कनक कनक पर कौन सा….. ✨…