है वो आज़म गुलाब सा चेहरा

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा     है वो  आज़म गुलाब सा चेहरा ! जैसा हुस्ने  शबाब सा चेहरा ।।     मैं पढ़ूँ उसके शब्द उल्फ़त के । वो दिखे पर क़िताब सा चेहरा।।   देखकर प्यार का नशा होता। है वो ऐसा  शराब सा चेहरा।।   प्यार आता बहुत मुझे उस पर…