Aajkal

आजकल | Aajkal

आजकल! ( Aajkal )    ये कैसा आ गया है अज़ाब आजकल! मुब्तिला तिरगी में आफताब आजकल! शिनाख्त आदमी की मुश्किल है भीड़ में फिरता है चेहरे पे लिए नकाब आजकल! कांटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाजत कांटों से घिर गया है लो गुलाब आजकल! बनती हैं फाइलों में सड़कें बड़ी बड़ी बिखरे…