दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो

दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो | Ghazal

दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो ( Dil mein mere basi aarzoo banke wo )     दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो आती होठों पे ही गुफ़्तगू बनके वो   सांसें महकी मुहब्बत से उसकी मेरे चाँद सी आये जब हू ब हू बनके वो   ढूँढ़ता  हूँ  उसे  मैं  गली  हर …

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही | Aarzoo shayari

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही ( Roz uski aarzoo ye zindagi karti rahi )     यार पाने को उसको ही बेकली करती रही रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही   पर यहाँ चेहरे हज़ारों थे नगर की  भीड़ में ज़ीस्त उसके फ़ासिलो का मातमी करती रही   क़ैद जैसे रूह उसकी…