आज़म नैय्यर की ग़ज़लें | Aazam Nayyar Poetry
दिल अपना तो याद बहुत आता वो अक्सर है ? आँखें आंसूओं से यूं तर है जब से छोड़ गया है साथ वहीं खाली लगता अब तो ये घर है उल्फ़त के दिन खोये है ऐसे नफ़रत का हर पल अब मंजर है क्या लेना नफ़रत की बातों से दिल अपना तो यारों शायर है…