आज़म नैय्यर की ग़ज़लें | Aazam Nayyar Poetry
है प्यार ही वतन में
है प्यार ही वतन में
गुल खिल रहे चमन में
ऊंचा रहे तिरंगा
हर व़क्त इस गगन में
रखना ख़ुदा मुहब्बत
तू देश की फ़बन में
कोई न आंच आये
हो मुल्क बस अमन में
सुन के अदू डरे जो
जय हिंद हो हर झन में
दुश्मन वतन के मारूं
आज़म ये ही ज़हन में
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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