अरसे  बाद | नज़्म

अरसे बाद | नज़्म

अरसे बाद ( Arse Baad )   अरसे बाद आज जिंदगी से मुलाकात हुई खैरियत सलामती की तकल्लुफात हुई। “वैसा ही हूँ, वहीं हूँ, जहाँ तुम थी छोड़ कर गई।” कहना था पर कह न पाया….. . . . खुदी थी कि खुद्दारी… लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी पढ़ें :-…