Badalte Dekha

बदलते देखा | Badalte Dekha

बदलते देखा ( Badalte dekha )   हमने मौसम को कई रंग बदलते देखा वक्त हाथों से कई बार निकलते देखा। जिन निगाहों में थी आबाद मुहब्बत मेरी ग़ैर का ख़्वाब उसी आंख में पलते देखा। जो मेरा दोस्त था वो आज मुख़ालिफ़ यारो बात बेबात ज़हर उसको उगलते देखा। वो मुसव्विर हो सिकंदर हो…