हाल देखा जो इन बहारों का | Baharon pe shayari
हाल देखा जो इन बहारों का ( Hal dekha jo in baharon ka ) हाल देखा जो इन बहारों का। दिल तड़पने लगा गुलज़ारों का।। गुल भी चुभने लगे हैं छूने से। क्या कसूर फिर चमन में ख़ारों का।। चांद भी कम नज़र में आता है। आब घटने लगा सितारों का।। …