Subah ki gungun

बाल कविता – सुबह की गुनगुन

बाल कविता – सुबह की गुनगुन ( Bal Kavita – Subah ki gungun )    चिड़िया चहकी चूंँ चूंँ चुन सुबह हुई अब जागो तुम करो मातृभूमि,माँ-पिता को नमन कुछ प्रभु चरणों में ध्यान उसके बाद ही शुभ काम सुनो दादी की प्रार्थना धुन। क्यूँ न स्कूल जाने से पहले थोड़ा योग भी कर लो…

Bal kavita

बाल कविता | Bal kavita

चिड़िया रानी ( Chidiya rani ) चिड़िया रानी हमारे घर पर आई सब बच्चों के मन में खुशियां लाई। दूब फूंस इकट्ठा कर बनाया घोंसला, देख घोंसला खुशियां अपार है लाई। छत के अन्दर डाल घास और तिनके सुन्दर सुन्दर बना दिया करी चतुराई। अण्डे देती दो तीन देख रहे थे नजरभर, हाथ लगा कर…