बेवफ़ाई किसी ने | Bewafai Ghazal
बेवफ़ाई किसी ने ( Bewafai kisi ne ) बिगाड़ी किसी ने बनाई किसी ने कभी दिल्लगी कब निभाई किसी ने। फिज़ा में उदासी घुली आज़ क्यूं है कहीं की है फ़िर बेवफ़ाई किसी ने। अगर तल्ख़ियां हों रखो फ़ासले तुम मुझे बात ये थी सिखाई किसी ने। मुझे भूल कर ख़ुश नहीं संगदिल वो…