Deedar Ghazal

कैसे हो दीदार सनम का | Deedar Ghazal

कैसे हो दीदार सनम का ( Kaise ho deedar sanam ka )    कैसे हो दीदार सनम का पर्दे में जब प्यार सनम का रुत मस्तानी हो और यूं हो बाहें डालें हार सनम का दिल दीवाना बन जाता है ऐसा है मेआर सनम का मीठा दर्द जगाये दिल मे तीर लगे जब पार सनम…