माँ का कर्ज चुकाना है | Desh Bhakti Kavita
माँ का कर्ज चुकाना है ( Maa ka karz chukana hai ) सभी भारतीय आज एक हो जाना, उग्रवाद हम को जड़ से ही मिटाना। इन दुश्मनों को अब धूल है चटाना, माँ वसुंधरा का कर्ज हमें है चुकाना।। देश के वीरों ने अपने प्राण गवाएँ है, आंधी तूफ़ान बारिश को भी सहे है।…