आँख का नूर बनो तो सही | Dr. Sunita Singh Sudha Poetry
आँख का नूर बनो तो सही ( Aankh ka noor bano to sahi ) बात दिल की कभी तुम कहो तो सही सिर्फ तुम दिल में मेरे रहो तो सही प्रीति की रोशनी जगमगा दो हृदय दीप बाती-सरिस तुम जलो तो सही जिन्दगी का है लम्बा सफर साथ में दूर कुछ हमसफर तुम चलो…