Shayari on ghum

नहीं ग़म में कभी शामिल रहा है | Shayari on ghum

नहीं ग़म में कभी शामिल रहा है  ( Nahin gam mein kabhi shamil raha hai )     नहीं ग़म में कभी शामिल रहा है ? ख़ुशी का वो मेरी क़ातिल रहा है   कभी भी पेश उल्फ़त से न आया हमेशा यूं बड़ा जाहिल रहा है   ख़ुशी का हो भला अहसास कैसे ग़मों…

Gham shayari

वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया | Gham shayari

वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया! ( Wo gamon ki zindagi ko hi kahani de gaya )     वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया! तोड़ कर दिल वो दग़ा की ही निशानी दें देगा   फ़ूल तो देकर मुहब्बत का गया मुझको नहीं तल्ख़ लहजे की मुझे वो…