हर बुराई को न यूं अंजाम दो | Emotional ghazal
हर बुराई को न यूं अंजाम दो ( Har burai ko na yoon anjaam do ) हर बुराई को न यूं अंजाम दो देश में अच्छाई का पैग़ाम दो दो गवाही सच के हक़ में ए हबीब यूं नहीं झूठा मुझपे इल्जाम दो दी वफ़ाये हर घड़ी मैंनें तुम्हे यूं नहीं तुम…