दिल किसी की | Ghazal Dil Kisi Ki
दिल किसी की ( Dil kisi ki ) दिल किसी की बहुत आरजू कर रहा रात दिन दिल यही गुफ़्तगू कर रहा वो नजर आता मुझको नहीं है मगर हर गली में उसे जुस्तजू कर रहा फूल जिसको दिया प्यार का रोज़ है और दिल रोज़ अपना अदू कर रहा …
दिल किसी की ( Dil kisi ki ) दिल किसी की बहुत आरजू कर रहा रात दिन दिल यही गुफ़्तगू कर रहा वो नजर आता मुझको नहीं है मगर हर गली में उसे जुस्तजू कर रहा फूल जिसको दिया प्यार का रोज़ है और दिल रोज़ अपना अदू कर रहा …