Ghazal | बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से
बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से ( Bane katil jhuka li hai haya se ye nazar jab se ) बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से। नहीं कुछ होश बाकी है हुआ दिल पे असर तब से।। नज़र हम से मिलाओ तो…