जब इश्क का फूल खिलता है
जब इश्क का फूल खिलता है दिल के गुलशन जब इश्क का फूल खिलता है, बदन का अंग-अंग, रोम-रोम हिलने लगता है ! भटकता जब मन बैचेन होकर इधर उधर तब, महबूब की बांहो में जन्नत का सुकून मिलता है ! मुहब्बत की दुनिया के जलवे ही होते है निराले, इसकी आग में दिन…