रात भर हम करवटें बदलते है | Ghazal Raat bhar
रात भर हम करवटें बदलते है ( Raat bhar hum karvaten badalte hai ) रात भर हम करवट बदलते है ! याद में उसकी रोज़ जलते है जिंदगी ग़म भरी है ये इतनी हाँ ख़ुशी के लिये तड़फतें है याद आती है साथ गुजरे दिन जब गली से उसकी निकलते है …