गुलज़ार हो तुम | Gulzar ho tum

गुलज़ार हो तुम | Gulzar ho tum

गुलज़ार हो तुम ( Gulzar ho tum )   हजारों ख्वाहिशें दबी दिल में, कहीं ये दम यूं ही न निकल जाए, इंतज़ार ए उम्मीद में कहीं, आरजूओं का मौसम न बदल जाए।   रगों में खौलता ये लहू कहीं, बेसबर आंखों से न बह जाए , संभाल आंगन ये तेरे सपनों का, कहीं सपनों…