हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है | Suneet Shayari

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है ( Hamane jaate hue raste ko mud kar dekha hai )   हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है निगाह में मंज़िल नहीं कोई, मगर बड़ी हसरत से देखा है आरजू सायों की लेकर , धुप में चल दिए थे कभी उसे मेरे हिस्से के बादलों…