जज़्बात से | Jazbaat pe Ghazal
जज़्बात से ( Jazbaat se ) ज़िंदगी चलती नहीं है आज़कल जज़्बात से जूझना पड़ता सभी को रात दिन हालात से। गीत ग़ज़लें और नज़्में भूल जाता आदमी ज़िंदगी जब रूबरू होती है अख़राजात से। क्यूं चलाते गोलियां क्यूं लड़ रहे सब इस क़दर रंजिशों के मामले अक्सर हुए हल बात से। अब के…