ज़िंदगी भर ज़िंदगी की जुस्तुजू की | Justuju shayari
ज़िंदगी भर ज़िंदगी की जुस्तुजू की ( Zindagi bhar zindagi ki justuju ki ) ज़िंदगी भर ज़िंदगी की जुस्तजू की प्यास से गुज़रे मगर फिर आरज़ू की मुफ़लिसी में दर बदर फिरते रहे पर आबरू लेकिन नहीं बेआबरू की मुग्ध हो चेहरा उठा तस्वीर से तब इक मुसव्विर ने जो कॉपी हूबहू…