कभी अपनों ने ही समझा नहीं है | Udasi Bhari Shayari
कभी अपनों ने ही समझा नहीं है ( Kabhi apno ne hi samjha nahin hai ) कभी अपनों ने ही समझा नहीं है ! दिल उनसे इसलिए अब मिलता नहीं है गली में इसलिए छाया अंधेरा कभी तक चाँद वो निकला नहीं है मुहब्बत की क्या होती गुफ़्तगू फ़िर कभी वो पास…