मानव का उसूल | Kavita manav ka usul
मानव का उसूल ( Manava ka usul ) चकाचौंध में खो गया नर धन के पीछे भाग रहा आज आदमी नित्य निरंतर व्यस्त होकर जाग रहा झूठ कपट सीनाजोरी कालाबाजारी रिश्वतखोरी मानव का उसूल कैसा झूठे वादे बस बातें कोरी प्रलोभन मोह माया के जाल पर जाल फेंक रहा नीली छतरी…