रख | Kavita
रख
( Rakh : Hindi Kavita )
खुशियो भरा पिटारा रख ।
दिल मे जज्बा प्यारा रख ।।
तुझे अकेले चलना है ।
आगे एक सितारा रख ।।
मन मे हो मझधार अगर ।
अपने साथ किनारा रख ।।
धुन्धले पन के भी अंदर ।
सुंदर एक नजारा रख ।।
दुनिया से जो भिड़ना हो ।
सच का सदा सहारा रख ।।
लेखक : डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव
171 नोनिया करबल, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
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