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रख | Kavita

रख

( Rakh : Hindi Kavita  )

 

खुशियो भरा पिटारा रख ।
दिल मे जज्बा प्यारा रख ।।

तुझे अकेले चलना है ।
आगे एक सितारा रख ।।

मन मे हो मझधार अगर ।
अपने साथ किनारा रख ।।

धुन्धले पन के भी अंदर ।
सुंदर एक नजारा रख ।।

दुनिया से जो भिड़ना हो ।
सच का सदा सहारा रख ।।

 

✍?

 

लेखक : डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव

171 नोनिया करबल, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)

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अपना हिंदुस्तान अलग है | Hindustan par kavita

 

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