Khat par Kavita

वो फिर खत लिखने का जमाना आ जाए | Khat par Kavita

वो फिर खत लिखने का जमाना आ जाए ( Wo phir khat likhne ka zamana aa jaye )    वो फिर खत लिखने का जमाना आ जाए तुम्हारी याद मुझको फिर तरोताजा करा जाए, दिल की धड़कन ना पूछो कितनी तेज हो जाए पैगाम में तेरी खुशबू का एहसास वो करा जाए शब्दों को पढ़ते पढ़ते…

खत्

खत् | Khat par kavita

खत् ( Khat )   हमारे “खत्” ही थे एक सहारे….||✉️|| 1.कलम उठा के कागज पर, अरमान दिलों के लिख डाले | मम्मी-पापा सब कैसे रहते हैं, सब हाल घरों के लिख डाले | मुहल्ले-पडोस की खट्टी-मीठी, सब चाहत-बातें-दिल काले | खत् लिख पोस्ट किया अब बैठे, जबाब की चाह मे दिल वाले | हमारे…