मेरी नींद का ख्वाब हो तुम | Meri Neend ka Khwaab ho Tum
मेरी नींद का ख़्वाब हो तुम ( Meri neend ka khwaab ho tum ) टूटे है भरम दिल के सभी तेरे दर से लौट आये हम बस मेरा ख़्वाब था तू कोई हक़ीक़त नहीं अगर किसी मोड़ पर मिल जाये कभी तो निगाहें बचाकर पास से गुजर जाना कभी याद…