Mohabbat ghazal

वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया | Mohabbat ghazal

वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया ( Wo pyas mohabbat ki bujhane nahin aaya )     वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया आँखों से आँखों भी तो मिलाने नहीं आया   वो तीर नफ़रत के छोड़े  है वो बहुत मुझपे वो खीर मुहब्बत की  खिलाने  नहीं आया   आँखों में दिए आँसू…