ग़ज़ल | Nayan ki Ghazal
ग़ज़ल ( Ghazal ) ( काफ़िया ईर की बंदिश रदीफ़ ग़ज़लों में ) मुहब्बत की कभी रूठी रही तक़दीर गज़लों में किसी को मिल गई है ख़्वाब की ताबीर ग़ज़लों में। वही उम्दा सुखन है हो जहां पर शायरी गहरी बहर अर्कान पैमाना कि हो तहरीर ग़ज़लों में। लुटी जिसकी मुहब्बत पा रहा…