निवातिया की शायरी | Nivatiya ki Shayari

निवातिया की शायरी | Nivatiya ki Shayari

वफ़ा का सिला वफ़ा का सिला तुम सवालों में रखना, मेरा नाम शामिल जवाबों में रखना ! मेरे इन ख़तों को समझ कर के उलफ़त मेरी यह निशानी क़िताबों में रखना ! हरे घाव काफी मुहब्बत के होंगे, छुपा कर उन्हें तब हिजाबों में रखना ! मिटाना न दिल से, पुरानी जो यादें सजा कर…