Noche Wahi Varak

नोचे वही वरक़ | Noche Wahi Varak

नोचे वही वरक़ ( Noche wahi varak )   बाक़ी हुरूफ़ जो ये मेरी दास्तां के हैं अहसान यह भी मुझ पे किसी मेहरबां के हैं रह रह के बिजलियों को है इनकी ही जुस्तजू तिनके बहुत हसीन मेरे आशियां के हैं क़ुर्बानियाँ शहीदों की भूले हुए हैं लोग गुमनाम आज नाम उन्हीं पासबां के…