पिता | Pita par kavita in Hindi
पिता ( Pita ) वह तो नहीं है पर याद बहुत आती है आगे बढ़ो खुश रहो हर पल जियो यह मेरे कानों में आवाज आती है गूंजते है शब्द उनके पापा जैसे पास खड़े पलक बंद करूं तो छवि मुस्कुराती है कितने दिन हो गए बरसो ही गुजर गए आज भी मुझे मेरे…