प्रतिध्वनि (काव्य संग्रह) | Pratidhwani Kavya Sangrah
प्रतिध्वनि (काव्य संग्रह) पुस्तक समीक्षा कवयित्री – नीरजा रजनीश समीक्षक– मनजीत सिंह (खान मनजीत भावड़िया मजीद) साहित्य कलश प्रकाशन, पटियाला मनुष्यों में पाँचों इन्द्रियाँ कमोबेश सक्रिय होती हैं जो अपने अनुभवों के समन्वित मिश्रण को मन के धरातल पर रोपती हैं जहाँ से समवेत ध्वनि का आभास होता है, यही आभास प्रतिध्वनि है। जब…