न आना तुम कभी अब इस गली में | Reema Pandey Ghazal
न आना तुम कभी अब इस गली में ( Na aana tum kabhi ab is gali mein ) न आना तुम कभी अब इस गली में रखा है क्या बताओ दोस्ती में न आया चैन पल भर भी मुझे तो मिले गम ही हजारों जिंदगी में खुदा मेरे बचा भी लो कहाँ हो रही…