जख्म है दर्द है तन्हाई है | Shayari on zakhm
जख्म है दर्द है तन्हाई है ( Zakhm hai dard hai tanhai hai ) जख्म है दर्द है तन्हाई है। न जाने कब मेरी सुनवाई है।। रात को चैन से सो लेती है, मुझसे अच्छी मेरी परछाई है।। कत्ल करता है मेरी किश्तों में, मेरा कातिल बहुत कसाई है।। सांस का…