तुम्हारे बिन जहां किस काम का है | Shayari Tumhare Bin
तुम्हारे बिन जहां किस काम का है ( Tumhare Bin Jahan Kis Kam Ka Hai ) लोग कहते हैं कि आराम का है। तुम्हारे बिन जहां किस काम का है।। हथेली पर रोज लिखना मिटाना भी, बस यही काम सुबहो शाम का है।। फूल तो ले गये ले जाने वाले, सिर्फ …